कोलकता ,रूद्रपुर ,देहरादून में बलात्कार एवं नृशंस हत्याओं के विरोध कैण्डिल मार्च निकालकर जनसंगठनों ने किया भारी विरोध।


उत्तराखंड,देहरादून।
बिगड़ती कानून व्यवस्था के परिणामस्वरूप बढ़ते अपराध एवं बलात्कार की नृशंस हत्याओं के विरोध में सोमवार को राजधानी देहरादून विभिन्न संगठनों ने कैण्डिल मार्च निकालकर जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया। मार्च गांधी पार्क से शुरू होकर ,राजपुर रोड़ ,घण्टाघर से होता हुआ फिर गांधी पार्क पहुंचा तथा तथा इन घटनाओं के मृतकों को श्रृध्दान्जलि दी गई।

इस अवसर पर वक्ताओं ने ममता सरकार एवं उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार की कड़े शब्दों में निन्दा की है, बिगड़ती कानून व्यवस्था  पर नियंत्रण न कर पाने के लिए दोनों सरकारों को दोषी ठहराया गया। इन संगठनों का कहना है कि  सभ्य समाज में इस तरह की घटनाएं होना शर्म की बात है, इनके खिलाफ निरन्तर संघर्ष तेज करना होगा, अपनी एवं बालिकाओं की सुरक्षा सत्ता एवं उससे जुड़ी पुलिस के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता। पश्चिम बंगाल की ममता तथा उत्तराखंड की धार्मिक सरकार अपराध एवं अपराधियों को संरक्षण दे रही है।

इस अवसर लोगों ने देहरादून आईएसबीटी बलात्कार के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की तथा
राजधानी देहरादून में बढ़ते अपराध तथा नशाखोरी पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।इन संगठनों ने कहा कि देहरादून दिल्ली रूट की रोडवेज बस में सामूहिक बलात्कार एवं रूद्रपुर में नर्स की बलात्कार के बाद निर्मम हत्या के विरोध में जब तक न्याय नहीं मिलेगा तब प्रदेशभर भर में हो रहे न्याय के लिये आन्दोलन को और अधिक तेज किया जाएगा।

 देहरादून की घटना का जिक्र करते हुए कहा गया कि पुलिस चौकी आईएसबीटी के कुछ ही दूरी पर एक युवती के साथ रोडवेज बस अढ्ढे के अंदर सामुहिक बलात्कार की दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सूचना मिली जिसका सीधा अर्थ है कि पुलिस की लापरवाही के कारण एक के बाद आपराधिक घटनाऐं हो रही हैं।  आज आम नागरिक अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है ।वक्ताओं ने कहा है कि राज्य के जागरूक नागरिक समय समय पर राजधानी देहरादून में हो रहे अपराधों के प्रति सभी उचित माध्यमों को अवगत कराते रहे हैं किन्तु इस ओर ध्यान न दिया जाना पुलिस की कार्यप्रणाली को प्रदर्शित करता ।

वक्ताओं ने कहा आज जहाँ हमारा प्रदेश अपराध में हिमालयी राज्यों में सबसे आगे है ,वहीं नशाखोरी अफीम ,गांजा ,स्मैक ,शराब आदि सभी नशीली पदार्थो की बिक्री तथा अवैध कारोबार में सर्वाधिक आगे है ,देहरादून में सरेआम इसका अवैध धन्धा चल रहा जिसका शिकार युवा एवं छात्र बन रहे हैं । कुल मिलाकर आज उत्तराखण्ड पुलिस ने मित्र पुलिस का रास्ता त्याग दिया परिणामस्वरूप आये दिन अपराधिक घटनाऐं हो रही हैं ।

आईएसबीटी बस अड्डा जो कि नागरिकों खासकर महिलाओं के लिये सुरक्षित माना जाता है जहाँ पुलिस गश्त ,गेट पर आईएसबीटी की पुलिस चौकी ,रोड़वेज चौकीदार तथा हर समय रोड़वेज का जिम्मेदार अधिकारी मौजूद हो तथा रोडवेज के स्टाफ द्वारा एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना हो ,यह हमारी व्यवस्था पर अपराधियों द्वारा करारा तमाचा है । वक्ताओं ने कहा अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करते हुये बस अड्डे पर तैनात रोडवेज अधिकारियों ,चौकीदार ,पुलिस बीट तथा आईएसबीटी पुलिस चौकी तथा आईएसबीटी प्रबंध वर्ग के खिलाफ शीर्ष प्राथमिकता के आधार कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी,सचिव लेखराज ,माकपा के सचिव अनन्त आकाश,आर.यू.पी के केंद्रीय अध्यक्ष नवनीत गुसाई , एस.एफ.आई के प्रांतीय अध्यक्ष नितिन मलेथा , सचिव हिमांशु चौहान ,शैलेन्द्र परमार,पीयूष,डी.ए.वी छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष सोनाली नेगी,महिला समिति की प्रांतीय सचिव दमयंती नेगी, नुरेशा अंसारी,सेवानिवृत मेजर श्रीमती भंडारी,ज्योत्स्ना , अनामिका राज, निहारिका नेगी ,विजय भट्ट ,सतीश धौलाखण्डी ,अनिल गोस्वामी ,पूनम,संजना ,अर्पित आदि बड़ी संख्या में महिलाएं तथा पुरुष उपस्थित रहे।
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